dedicated to my sister lovee today i try to joined some beautiful memories i have with my sister in my words i hope my blog kaash my words from saffron heart will definitely touch ur heart again .,,.,,.,.,.,
वो मद्धम सा मुस्कुराना और वो झूठ-मूठ का गुस्सा दिखाना,
समझना मेरी हर बात को और मुझे हर बात समझाना,
वो लड़ना तेरा मुझसे और फिर प्यार जताना
बहुत याद आता है " लवी तुम्हारा मुझे " भाई" कहके बुलाना,
वो शाम ढले करना बातें मुझसे और अपनी हर बात मुझे बताना,
सुनके मेरी बेवकूफियां तुम्हारा ज़ोर से हंस जाना,
मेरी हर गलती पे लगाना डांट और फिर मेरा तुमको मनाना ,
कोई और न होगा तुमसे प्यारा मुझे यह आज मैंने है जाना,
वो राखी और भाई-दूज पे तुम से सबसे आखिर मे टीका लग वाना
कुमकुम मैं डूबी ऊँगली से मेरा माथा सजाना, ओर् हस् कर तुमसे केह्ना कि टिका छोटा लगाना
खिलाना मुझे मिठाई प्यार से और दिल से दुआ दे जाना,
बाँध के धागा कलाई पे मेरी अपने प्यार को जताना,
कभी बन जाना माँ मेरी और कभी दोस्त बन जाना,
समझना मेरी हर बात को और मुझे हर बात समझाना,
वो लड़ना तेरा मुझसे और फिर प्यार जताना
बहुत याद आता है " लवी तुम्हारा मुझे " भाई" कहके बुलाना,
वो शाम ढले करना बातें मुझसे और अपनी हर बात मुझे बताना,
सुनके मेरी बेवकूफियां तुम्हारा ज़ोर से हंस जाना,
मेरी हर गलती पे लगाना डांट और फिर मेरा तुमको मनाना ,
कोई और न होगा तुमसे प्यारा मुझे यह आज मैंने है जाना,
वो राखी और भाई-दूज पे तुम से सबसे आखिर मे टीका लग वाना
कुमकुम मैं डूबी ऊँगली से मेरा माथा सजाना, ओर् हस् कर तुमसे केह्ना कि टिका छोटा लगाना
खिलाना मुझे मिठाई प्यार से और दिल से दुआ दे जाना,
बाँध के धागा कलाई पे मेरी अपने प्यार को जताना,
कभी बन जाना माँ मेरी और कभी दोस्त बन जाना,
कभी करना होमेवोर्क् मेरा ओर् छुपाना फोन मेरा
देना नसीहतें मुझे और हिदायतें दोहराना,
जब छाये गम का अँधेरा तोः खुशी की किरण बनके आना,
हाँ तुम्ही से तोः सिखा है मैंने गम मैं मुस्कुराना,
कहता है मन मेरा रहके दूर तुमसे मुझे अब एक लम्हा भी नही बिताना,
अब बस "अन्श् को तोः है अपनी "बेहना के पास है जाना,
हैं बहुत से एहसास दिल मैं समाये पता नही अब इन्हे कैसे है समझाना,
बस जान लो इतना "लवी " बहुत याद आता है तुम्हारा "भाई" कहके बुलाना
देना नसीहतें मुझे और हिदायतें दोहराना,
जब छाये गम का अँधेरा तोः खुशी की किरण बनके आना,
हाँ तुम्ही से तोः सिखा है मैंने गम मैं मुस्कुराना,
कहता है मन मेरा रहके दूर तुमसे मुझे अब एक लम्हा भी नही बिताना,
अब बस "अन्श् को तोः है अपनी "बेहना के पास है जाना,
हैं बहुत से एहसास दिल मैं समाये पता नही अब इन्हे कैसे है समझाना,
बस जान लो इतना "लवी " बहुत याद आता है तुम्हारा "भाई" कहके बुलाना