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जीवन यह जीवन एक सफर है,
सुख दुख का भंवर है, सबके जीवन की दिशा अलग है, लोग अलग परिभाषा अलग है।
पृथक पृथक है उनके भाव, वेश अलग अभिलाषा अलग है।
कोई जीता है स्व के लिये, तो
कोई जीवित है नव के लिये,
कहीं दिलों में प्रेम की इच्छा,
तो
कहीं है जीत का जज़्बा, कहीं सांस लेते हैं संस्कार, तो
कहीं किया कुकर्मों ने कब्ज़ा। कहीं सत्य नन्हीं आँखों से सूर्य का प्रकाश ढूँढ रहा,
तो
कहीं झूठ का काला बादल, मन के सपनों को रूँध रहा। मैंने देखा है सपनों को जलते,
झुलसे मन में इच्छा पलते, जब मन को मिलता न किनारा,
ढूँढे वह तिनके का सहारा, सपनों की माला के मोती, बिखरे जैसे बुझती हुई ज्योति।
दिल में एक सवाल छुपा है, माँगे प्रभु की असीम कृपा है, आज फिर से जीवन जी लूँ, मन में यह विश्वास जगा है। धूप छाँव तो प्रकृति का नियम है, जितना जीवन मिले वो कम है, आज वह चाहता है जीना, न झुके कभी, ताने रहे सीना, जीवन का उसने अर्थ है जाना,.
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